13 महीने का ट्रायल… और महाराजगंज हिंसा केस में एक को फांसी, 9 उम्रकैद

अजमल शाह
अजमल शाह

बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुए बवाल, आगजनी और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में अदालत ने ऐसा फैसला सुनाया है, जिसे जिले का “ऐतिहासिक आदेश” कहा जा रहा है।

कोर्ट ने साफ किया—कानून देर से चलता है, लेकिन चलता तेजी से ही है।

मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी – 9 को आजीवन कारावास

सत्र न्यायालय बहराइच ने सुनवाई के बाद- मुख्य आरोपी सरफराज – फांसी की सजा।

अब्दुल हमीद, अब्दुल तालिब, मोहम्मद सैफ, फहीम, जीशान, जावेद, सोएब खान, ननकऊ और मारूफ अली → आजीवन कारावास + अर्थदंड

को दोषी पाया। यह फैसला गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट, वीडियो फुटेज और मौके के सुबूतों की लंबी प्रक्रिया के बाद आया।

क्या हुआ था 13 अक्टूबर 2024 को?

दुर्गा विसर्जन जुलूस निकल रहा था। उसी दौरान तनाव बढ़ा, फिर पथराव, तोड़फोड़, आगजनी, और गोलीबारी में रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई।

मामला इतना गंभीर था कि आरोपियों पर BNSS की धारा 191(2), 191(3), 190, 103(2), 249, 61(2) और आर्म्स एक्ट सेक्शन 30 में केस दर्ज किया गया।

पुलिस ने तेज कार्रवाई की — एनएसए तक लगा

घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी सरफराज सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया। एनएसए लगाया। हथियार बरामद किए और केस को फास्ट-ट्रैक मोड में आगे बढ़ाया। सरकार ने भी मामले में “कठोरतम कार्रवाई” का आदेश जारी किया था।

13 महीने में आया न्याय – परिवार ने कहा, ‘सजा मंजूर’

लगातार चलते ट्रायल के बाद जब अदालत ने फैसला सुनाया तो मृतक रामगोपाल मिश्रा की पत्नी ने कहा- “न्यायालय ने जो सजा दी है, हम उसका स्वागत करते हैं। हमें न्याय मिला।”

जिले में इस फैसले को “कानून की जीत” बताया जा रहा है।

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